पेड़ लगाए पास में, धरा बनाए खास
आया ऐसा नौतपा, चले कहां अब भाग।
सूरज का पारा चढ़ा, बरस रही है आग।।
देखो तुम मजदूर को, करता नहीं विश्राम।
करते करते थक गया,होता खत्म न काम।।
तपती गर्मी से जले, देखो सबके पांव।।
यहां वहां सब खोजते, मिल जाए कुछ छांव।
पौधों से धरती सजे, और मिले फल फूल।
पेड़ लगाकर आज से, सुधारे सभी भूल।।
आओ हम मिलकर करें, एक छोटा प्रयास।
पेड़ लगाए पास में, धरा बनाए खास।।