पेंगुइन संवाद भाग 2
बेबी पेंगुइन नें बाबा पेंगुइन से कहा ,
बिल्ली मौसी जो दुबक गई थी ,
फिर बाहर आकर दहाड़ रही है ,
लगता है बंदर मामा के डंडे से नहीं डर रही है ,
बाबा पेंगुइन ने कहा बेटा धीरज धर ,
गीदड़ भभकी से डर नाहक़ चिंता मत कर ,
दरअसल भालू दादा उसके साथ हो गए है ,
जिससे उसके हौसले बुलंद हो गए हैं ,
जब तक लोमड़ी चाची अपने साथ है ,
तो डरने की क्या बात है ,
उसके साथ मिलकर कुछ जुगत लगाएंगे ,
तभी इस बिल्ली मौसी के मुंह पर लगाम लगा पाएंगे ,
अपनी भैंस अभी पानी में नहीं गई है ,
अभी वो राजनीति की कीचड़ का आनंद ले रही है ,