Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2017 · 1 min read

पृष्ठ जीवन के पलटता जा रहा हूँ !*****************

पृष्ठ जीवन के पलटता जा रहा हूँ !*****************
शैशवावस्था लिए माँ अंक में,
दुग्ध का कर पान रोता और न चुपता
दे रहा कोई खिलौने,
ताली बजा कोई मुझे बहला रहा है,
तंग सबको ही किये मैं जा रहा हूँ
पृष्ठ जीवन के पलटता जा रहा हूँ !****************
बालपन में चुलबुलापन,
खेलता हूँ मग्न तन मन
कभी तितली पकड़ता हूँ
कभी जुगनू पकड़ता हूँ
तो बन वात्सल्य का पूरक कभी मैं गा रहा हूँ,
पृष्ठ जीवन के पलटता जा रहा हूँ !****************
तरुणता ले के नयापन आ गयी
मैं नहीं समझा मेरे कब मूंछ मुख पर आ गयी,
आ गयी कब प्रीत की मृदु गंध उर में
फूटते से प्रेम के अंकुर ह्रदय में
सोचता ये ही स्वयं को पा रहा हूँ
पृष्ठ जीवन के पलटता जा रहा हूँ !****************
मैं अपने प्रेम से नज़रें चुराता ही रहा हूँ
मिल न जाये वो मुझे ही राह में
इसलिए मैं छोड़ करके राह को
क्यों पगडंडियों पर पग बढ़ाता जा रहा हूँ,
ये ही नहीं अब तक समझ मैं पा रहा हूँ
पृष्ठ जीवन के पलटता जा रहा हूँ !****************

Language: Hindi
412 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
* लोकार्पण *
* लोकार्पण *
surenderpal vaidya
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
कवि दीपक बवेजा
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
Neelam Sharma
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हमने क्या खोया
हमने क्या खोया
Dr fauzia Naseem shad
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
Manoj Mahato
प्रेम दिवानों  ❤️
प्रेम दिवानों ❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
23/25.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/25.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
आकाश महेशपुरी
*** हम दो राही....!!! ***
*** हम दो राही....!!! ***
VEDANTA PATEL
*देव पधारो हृदय कमल में, भीतर तुमको पाऊॅं (भक्ति-गीत)*
*देव पधारो हृदय कमल में, भीतर तुमको पाऊॅं (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
*दो स्थितियां*
*दो स्थितियां*
Suryakant Dwivedi
फूलों की ख़ुशबू ही,
फूलों की ख़ुशबू ही,
Vishal babu (vishu)
"जरा गौर करिए तो"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
शृंगारिक अभिलेखन
शृंगारिक अभिलेखन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुहागन का शव
सुहागन का शव
Anil "Aadarsh"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
जितनी शिद्दत से
जितनी शिद्दत से
*Author प्रणय प्रभात*
🙂
🙂
Sukoon
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
हाँ मैं नारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ
Surya Barman
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
Ram Krishan Rastogi
Loading...