पृथ्वी दिवस पर
आज दिवस है पृथ्वी का, आओ जश्न मनाएं
पृथ्वी का शृंगार बढ़ाएं, मिलकर वृक्ष लगाएं।।
बहुत किया दोहन, हमने पेड़ों को काट दिया
सूख रही है धरती, हमने कैसा हाल किया।
जल जीवन वन ही जीवन, कैसे हम भूल गए
हरी भरी हो धरती अपनी, ऐसी जुगत लगाएं।।
@© मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर ‘
२२अप्रैल २०२४