#पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गाँधी जी
पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री स्व. राजीव गाँधी जी
एक राजीव गाँधी राजीव हुये,
उनसे बढ़कर नेक नहीं।
दिया नवोदय इक भारत को ऐसा,
ख़ुशबू चढ़कर एक नहीं।।
जाति धर्म क्षेत्र भुलाकर रहते सब,
इंसान रहे हम बनके।
चले कामयाबी की सब राहों में,
बढ़ें नवोदयी तनके।
तेरा-मेरा सीखा नहीं कभी हमने,
आँखों रड़की टेक नहीं।
दिया नवोदय इक भारत को ऐसा,
ख़ुशबू चढ़कर एक नहीं।
भाई से बढ़कर प्यार मिला हमको,
ममता माँ जैसी पायी।
पावन संस्था कहता हूँ इसको मैं,
जिसने ज़िंदगी सजायी।
इंदिरा नंदन तेरा शत्-शत् वंदन,
कर्म महकता देख कहीं।
दिया नवोदय इक भारत को ऐसा,
ख़ुशबू चढ़कर एक नहीं।।
भारत की पावन धरती ने देखा,
राजीव खिला वो न्यारा।
सच्चे अच्छे मन का राज दुलारा।
निर्बल का हुआ सहारा।
कंम्प्यूटर भारत में ले वो आया,
टेक्नोलॉजी ख़ोज़ कहीं।
दिया नवोदय इक भारत को ऐसा,
ख़ुशबू चढ़के एक नहीं।
काश!नवोदय हो जाए जग सारा,
मान मिले राजीव खिले।
भेद भुलादें दिल से दिल का सारे,
ऊँच-नीच फिर दूर चले।
राजीव खिले तो राजीव फलेगा,
इससे सुंदर लेख नहीं।
दिया नवोदय इक भारत को ऐसा,
ख़ुशबू चढ़कर एक नही।
एक राजीव गाँधी राजीव हुये,
उनसे बढ़कर नेक नहीं।
दिया नवोदय इक भारत को ऐसा,
ख़ुशबू चढ़कर एक नहीं।
आर.एस.प्रीतम
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