पूजा तुम्हारा क्या इतिहास है?
पूजा तुम्हारा क्या इतिहास है?
तेरे आगे पीछे कितने खास है?
हमें किसी प्रकार की न कोई आस है,
हमको तो तुम लगती बदमाश है।
तुम कौन सी वो फूल की कली है?
कि सारे भंवरे तुम्हारे ओर ढली है।
पता नहीं तुम में खासियत है या कमी,
कि इतने दिनों से भोजपुरी में तु है जमी।।
बहुतेरे ने तुम्हारे नाम से गीत को गाए,
पर किसी को किसी से दिक्कत न हो पाए।
न जाने तुम्हारे नाम कैसे लिए जुबान पे?
ऑनर का दिमाग हो गया उफान पे।।
गलती हम में नहीं गलती उन कलाकारों में थी,
बादल गरजे कहीं और थी पर बरसी हम पे थी।
सोचा कि मीडिया वालों के सामने बात मैं खोल दूं ,
पर किसी ने मना किया कहा कविताओं में इसका मोल दूं ।।
न जाने तुम्हारे पीछे उनका क्या हाथ है?
तुम्हारे चलते बिगड़ती उनकी सब के साथ है।
तुमको जानने वाले सारे लोग तुम से निराश हैं,
पर न जाने तुम उनके लिए कैसे बनी खास है?
कवि – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳