*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
पूजा का थाल (कुछ दोहे)
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(1)
पूजा की थाली सदा ,करती हृदय महान
मन पावन जिनका हुआ ,उनका ही सम्मान
(2)
पूजा की लो थालियाँ ,दो करुणा का दान
मन मंदिर में आ बसो ,हे प्रभु कृपा-निधान
(3)
जिनके मन में बस गया ,पूजा वाला थाल
उनका मन चंदन हुआ ,आह्लादित है भाल
(4)
रोली चावल पुष्प से ,हुआ सुसज्जित थाल
जगमग दीपक जल उठा ,मंद-मंद-सी चाल
(5)
भक्त भजन करते मिलें ,युवा वृद्ध या बाल
सदा सजें इस देश में ,प्रभु पूजा के थाल
(6)
किया समर्पित देश को ,हँसकर अपना लाल
अर्पित उस माँ को करो ,पूजा का शुभ थाल
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451