पूछो हर किसी सेआजकल जिंदगी का सफर
पूछो हर किसी सेआजकल जिंदगी का सफर
तो कह देते है बस वही हर दिन एक जैसा कुछ नही है नया बस कट रही है,फिर कहा मैने एक बार जिंदगी का एहबर बन कर तो देख जो कट रही है हर दिन एक जैसी तेरी नज़र में
वो भी गुलशन लगने लगेगी हर लम्हे के साथ साथ।
जिंदगी जैसी भी वो काम जिम्मेदारी के साथ या बैगर
काटो मत, एहसान नही है जिंदगी उपर वाले का तुम पर
दुआ है जो हर किसी को नसीब बेहतर नही होती
कुछ तरस रहे है जीने के लिए, कुछ जी कर एहसान जता रहे है जिंदगी पर। बस कुछ है जिन्होंने वजूद और वजह को समझा जीने के लिए जिंदगी की।