‘पुस्तक’
‘पुस्तक’
ये पुस्तक है बड़ी अनमोल,
बात में इसकी है भारी तोल।
पहन ले ऐनक हर पन्ना खोल,
प्यारी भाषा इसकी न्यारे बोल।
लिखी है इसमें बात पुरानी,
कुछ तेरी कुछ मेरी कहा नी।,
आलस छोड़ मत कर नादानी
पढ़लो तुम बन जाओगे ज्ञानी।
भू गर्भ का इसमें ज्ञान छुपा है
भूत भविष्य की भी चर्चा है।
देश समाज का लेखा जोखा
सत्ता का इतिहास लिखा है।
छिपा है इसमें सुख का सार,
पढ़कर होगा तेरा बेड़ा पार।
बात पर मेरी करना विचार,
करना हर पुस्तक से प्यार।
©®Godambari Negi