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2 Feb 2023 · 2 min read

*पुस्तक समीक्षा*

पुस्तक समीक्षा
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पुस्तक का नाम : विज्ञान-मनीषी अग्रवंश विभूतियां
लेखक : अशोक कुमार गुप्ता 2-ब-15, प्रताप नगर, जोधपुर, राजस्थान 342003
मोबाइल 6376 566 713
व्हाट्सएप 94606 49764 ईमेल agupta.shant@ gmail.com
प्रथम संस्करण: जनवरी 2023
सहयोग राशि: ₹200 मात्र
प्रकाशक : अशोक कुमार गुप्ता एवं वीणा गुप्ता
—————————————-
समीक्षक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
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विज्ञान जगत को अग्रवाल समाज का योगदान
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अशोक कुमार गुप्ता अग्रवाल समाज के महापुरुषों के संबंध में अनेक पुस्तकों की रचना कर चुके हैं । अग्रवालों के संबंध में आपकी रुचि और कार्य 1985 से अब तक निरंतर चल रहे हैं । इसी क्रम में आपने अग्रवालों के विज्ञान के क्षेत्र में योगदान को रेखांकित करने के लिए अग्रवंशी विभूतियों का परिचय एकत्र करने का बीड़ा उठाया और इस कार्य के लिए गूगल नेट पर कितना परिश्रम आपने किया होगा, इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है। यद्यपि नेट सर्वसुलभ है तो भी सामने रखी हुई किसी पुस्तक के माध्यम से जब हम किसी अग्रवंशी विज्ञान मनीषी के जीवन और कार्यों को जान पाते हैं तो हमें बड़ी सुविधा हो जाती है। केवल गूगल नेट ही नहीं, आपने अन्य पत्र-पत्रिकाओं से भी सामग्री एकत्र की है और विषय को जितने विस्तार में पाठकों के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है आपने किया है ।
आपका परिश्रम अभिनंदन के योग्य है । जिन महापुरुषों को अधिक प्रष्ठ दिए जाने चाहिए, वह आपने दिए । पद्मश्री डॉ आत्माराम जो भारत में कांच प्रौद्योगिकी के जनक माने जाते हैं से आपने छह पृष्ठ की जीवनी लिखकर पुस्तक का आरंभ किया है । अन्य अनेक पद्मश्री और पद्मभूषण से अलंकृत अग्रवाल वैज्ञानिकों के जीवन चरित्र इस पुस्तक में सहज उपलब्ध हो रहे हैं।
विज्ञान का क्षेत्र प्रायः राजनीति, साहित्य और समाज की तुलना में नीरस और उपेक्षित माना गया है । इस क्षेत्र में कार्य करने वाले समर्पित प्रतिभाशाली महानुभावों के जीवन चरित्र प्रायः अनदेखे रह जाते हैं । अशोक कुमार जी की पुस्तक से गुमनाम वैज्ञानिकों की ओर पाठकों का ध्यान अवश्य ही आकृष्ट होगा।
पुस्तक में एक सौ से अधिक विज्ञान मनीषियों का परिचय विस्तार से दिया गया है । पुस्तक में वैज्ञानिकों के चित्र भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो स्वयं में एक श्रमसाध्य कार्य होता है।
पुस्तक में वैज्ञानिकों के साथ-साथ विज्ञान लेखकों के बारे में भी अलग से जानकारी दी गई है । इससे ऐसे वैज्ञानिक जिन्होंने वैज्ञानिक खोजों के साथ-साथ विज्ञान विषय पर अनुसंधान मूलक पुस्तकें लिखी है अथवा ऐसे लेखक जिन्होंने विज्ञान से संबंधित शोध लेख तथा कथाएं लिखी है, उनका भी मूल्यांकन इस पुस्तक के माध्यम से संभव हो सका है । प्रतिभा न तो किसी जाति तक सीमित रह सकती है और न ही किसी जाति को अपनी प्रतिभा को जीवन के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने से वंचित किया जा सकता है । अग्रवाल समाज भी इसका अपवाद नहीं है ।
लेखक अशोक कुमार गुप्ता को उनके कठोर परिश्रम के लिए हृदय से बधाई। पुस्तक की छपाई तथा प्रकाशित चित्रों की क्वालिटी बहुत अच्छी है । 164 पृष्ठ की यह पुस्तक पढ़ने में पाठकों को वास्तव में आनंद आएगा।

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