*पुस्तक समीक्षा*
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक का नाम : निष्काम कर्म (परम पूजनीय श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी)
प्रकाशन का वर्ष : 2008
कुल पृष्ठ संख्या : 140
लेखक एवं प्रकाशक : रवि प्रकाश पुत्र श्री राम प्रकाश सर्राफ, बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
समीक्षक : डॉ. पुत्तू लाल शुक्ल “चंद्राकर”
C 984 – 85 सेक्टर बी
महानगर, लखनऊ
दूरभाष 238 4424
नोट : समीक्षक हिंदी और संस्कृत के परम विद्वान हैं । राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर में 1970 के आसपास अनेक वर्ष प्रोफेसर रहे हैं।
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निष्काम कर्म : एक तथ्यपूर्ण जीवनी
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प्रियवर रवि प्रकाश जी
स्नेहाशीष
‘निष्काम कर्म’ जीवन चरित्र पढ़कर परम आह्लाद हुआ । हिंदी में ऐसी तथ्यपूर्ण जीवनी नहीं लिखी गई है ।
आदरणीय लाला जी से मेरा संबंध 1969 से रहा है। वे सात्विक, त्याग की मूर्ति और आदर्श महापुरुष थे । उनका जीवन चरित्र हर विद्यालय के पुस्तकालय में होना चाहिए । आदरणीय लाला जी का चरित्र नई पीढ़ी के लिए प्रेरक एवं आदर्श है । रामपुर की भूमि धन्य है जहॉं ऐसे महापुरुष ने जन्म लिया ।
मेरी तीन पुत्रियॉं टैगोर शिशु निकेतन में पढ़ी हैं । मैं निरंतर श्री दिनेश जी के प्रवचनों से लाभान्वित होता रहा हूॅं । लाला जी ने रामपुर को ज्ञानमय और संस्कारमय बनाया है । उनकी दिव्य-मूर्ति की स्थापना रामपुर में होनी चाहिए ।
आपके व्यक्तित्व में ज्ञान का प्रकाश निरंतर होता रहे ।
शुभाकांक्षी
पुत्तू लाल शुक्ल “चंद्राकर”
C 984 – 85 सेक्टर बी
महानगर, लखनऊ
दूरभाष 238 4424