पुस्तक परिचय /समीक्षा
पुस्तक परिचय /समीक्षा
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*पुस्तक का नाम : निष्काम कर्म (परम पूजनीय श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी)
*लेखक एवं प्रकाशक : रवि प्रकाश पुत्र श्री राम प्रकाश सर्राफ, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
प्रष्ठ संख्या: 140
प्रकाशन वर्ष: अक्टूबर 2008
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“निष्काम कर्म” श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी-पुस्तक है। आजादी से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में तथा आजादी के बाद रामपुर में जनसंघ का गठन करके 1952 से 1977 तक 25 वर्षों की अवधि में जनसंघ की गतिविधियों में केंद्रीय भूमिका निभाई। पुस्तक में “रामपुर में जनसंघ” शीर्षक से एक अध्याय जनसंघ के क्रियाकलापों को समर्पित है ।
आपातकाल में जिस प्रकार से रामप्रकाश जी ईश्वर की कृपा से जेल जाने से बचे और अज्ञातवास में रह कर लंबा समय बिताया, उन सब की जानकारी भी एक अध्याय में दी गई है ।
श्री सुंदर लाल जी ने अनौपचारिक रूप से आपको गोद लिया था । उनकी मृत्यु पर आपके पीड़ा-भरे पत्र का उत्तर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री गुरु जी ने जिस पत्र से दिया, वह भी पुस्तक में शामिल है ।
आपके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में 1956 में सुंदर लाल इंटर कॉलेज की स्थापना पर सर्व श्री गुरुजी, नानाजी देशमुख, आचार्य बृहस्पति और राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के शुभकामना-संदेश भी पुस्तक में दिए गए हैं।
राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से कर्मशील रहकर जीवन जीने के आदर्शों में जिनकी रुचि है, उन्हें इस पुस्तक को पढ़कर अच्छा लगेगा ।