” पुस्तक : एक राष्ट्र एक जन “
” पुस्तक : एक राष्ट्र एक जन ”
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जोधपुर (राजस्थान) निवासी श्री अशोक कुमार गुप्ता जी का टेलीफोन मेरे पास 23 अक्टूबर 2019 को आया । आपने बताया कि “एक राष्ट्र एक जन” पुस्तक की प्रति आपको प्राप्त हो गई है तथा आपने उसे पढ़कर पुस्तक के संबंध में डॉ सत्यकेतु विद्यालंकार जी के सुपुत्र को जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक हो चुकी है ,सूचित किया।
इस पुस्तक में डॉक्टर सत्यकेतु जी का उल्लेख तथा उनकी पुस्तक की समीक्षा है, यह भी आपने उन्हें बताया। डॉक्टर सत्यकेतु की मृत्यु 17 मार्च 1989 को हुई है, ऐसा उनके सुपुत्र ने आपको सूचित किया। डॉक्टर सत्यकेतु के सुपुत्र ने रामपुर से जनसंघ के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ने का डॉक्टर सत्यकेतु का संस्मरण बहुत भावपूर्वक स्मरण किया तथा कहा कि कार्यकर्ताओं ने तथा जनता ने बहुत उत्साह के साथ वह चुनाव लड़ा था।
मुझे अशोक कुमार गुप्ता जी से हुई टेलीफोन वार्ता से बहुत अच्छा लगा। सर्वप्रथम तो मैंने उनको इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने मेरी पुस्तक ऑनलाइन खरीदने का कष्ट किया । तथा उससे भी बढ़कर उस पुस्तक के संबंध में डॉ सत्यकेतु के परिवारजनों को सूचित करने का महान कार्य आपके द्वारा किया गया, इसके लिए विशेष रूप से आप धन्यवाद के पात्र हैं।
अशोक कुमार जी के पास अग्रवालों से संबंधित 300 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है ,जो अपने आप में बहुत अद्भुत है। इसके अलावा भी आपने कई पुस्तकें लिखी हैं तथा आपके शोध कार्य चल रहे हैं । आपके पास अग्रवालों से संबंधित अन्य बहुत सी वस्तुओं के विशिष्ट संग्रह भी हैं । संक्षेप में अग्रवालों के इतिहास तथा उनकी गतिविधियों के बारे में योगदान की दृष्टि से आपका महत्वपूर्ण स्थान है। मेरा आपसे परिचय अग्रवाल रचनाकारों के व्हाट्सएप समूह के माध्यम से आया है।
पुस्तक “एक राष्ट्र एक जन” अमेजन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।