पुष्प का अभिमान
पुष्प का अभिमान
मैं वो पुष्प हूँ ; जो महकता हैं अपने लिए ..
दूसरे की परवाह नहीं ,
उपवन की खूबसूरती उनसे नहीं l
मैं वो पुष्प हूँ….
मुझसे ही तो फ़िज़ा में रंगत है …
बहुत खिला हूँ ,मैं ! इसलिए कीमत भी मेरी है l
मैं वो पुष्प हूँ….
मुझसे ही तो बेशकीमती इत्र बनेगा ,
हर किसी की पसंद रहेगा l
मैं वो पुष्प हूँ…..
(मीनू यादव)