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22 Feb 2019 · 1 min read

पुलवामा हमला

सहम उठा पुलवाम जहाँ,
उन लालो की चीखों से
कुछ तो प्रेणा ले लो तुम,
आजाद भगत की सीखो से।

क्यों केशर की घाटी में ,
अंगार उगलते दिखते हैं
क्यों भारत की पाटी में ,
श्रृंगार बिगड़ते दिखते हैं ।

आज चवालीस तारे टूटे,
भारत के असमानों से
कल कश्मीर निकल जायेगा,
भारत के नादानों से ।

हुआ शांति का खेल बहुत अब,
जंगी ऐलान शुरू करदो
भारत माता का दामन,
दुश्मन की लाशों से भरदो।

करता हूँ मैं आज निवेदन,
भारत की सरकारों से
शीश काटकर लादो मुझको,
आतंकी सरदारों के ।

– पर्वत सिंह राजपूत
( ग्राम – सतपोन )

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 1435 Views
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