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2 Aug 2019 · 1 min read

पुलवामा के शहीद

रोज रोज शहादत की खबरों से चैन नहीँ मैं पाता हूँ
भारत माँ का बेटा हूँ मैं कलम से रखता नाता हूँ।

पुलवामा ने फिर दर्द दिया है इसको कैसे सह पाऊंगा
पूरा देश गमगीन कर दिया शब्दों से बतलाऊअंगा।

दिल है सबका बैठा बैठा आसूं रोके से नही रूकते हैं
चालीस जवान शहीद हो गए घाव ये कैसे भर सकते हैं।

किसी ने भाई खोया प्यारा किसी ने खोया सुहाग
बेटा खोया किसी माँ ने अपना कैसे खेलेंगे सब फाग।

हालत मेरी भी ठीक नहीं है क्रोध भी खूब है उमड रहा
किसी ने अपना दर्द कह दिया किसी ने अंदर ही सहा।

नमश पुलवामा के शहीदों को शहादत कभी भुलाई न जायेगी
जब तक उनका कर्ज न उतरेगा दीवाली भी न मनाई जाएगी।

उनके परिवारों के हिम्मत की भी देनी पडेगी खूब दाद
देशहित सब कुर्बान किया स्वार्थ को किया कभी न याद।

प्रधान सेवक ने भी उस दिन ध्यान इस ओर था खूब दिया
सेना को भी दे दी खुली छूट हो सका जो वो खूब किया।

जय हिन्द जय भारत के नारों से गूंज उठा था पूरा देश
बोले आगे बढो और वार करो मिटाओ सारे कष्ट कलेश।

हम हैं अहिंसा के सदा पुजारी ये बात किसी से छिपी नहीं
छेडता गर फिर हमें है कोई फिर हमने किसी की सुनी नहीं।

—————————————–
अशोक छाबडा
गुरूग्राम।

Language: Hindi
1 Like · 430 Views
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