Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2022 · 1 min read

पुर परबत सी समुन्द्र है

पीर परबत सी समुन्द्र है
*********************

फूल जैसा खूब सुंदर है,
मीत मन में प्रीत अंदर है।

धीर-धीरज शीत मनवा है,
नीर-निर्मल बीच मंदिर है।

जान तन में मीन सी प्यासी,
पीर – परबत सी समुन्द्र है।

जिंदगी झूठी सदा जग में,
मौत दिखती जो बवंडर है।

कौन मनसीरत रहा साथी,
आज दिल्ली कल जलंधर है।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छोड़ कर तुम मुझे किधर जाओगे
छोड़ कर तुम मुझे किधर जाओगे
Anil chobisa
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
शिव प्रताप लोधी
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
Rituraj shivem verma
-शेखर सिंह ✍️
-शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
जुगनू
जुगनू
Gurdeep Saggu
मे गांव का लड़का हु इसलिए
मे गांव का लड़का हु इसलिए
Ranjeet kumar patre
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
Sanjay ' शून्य'
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
कवि रमेशराज
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
विमला महरिया मौज
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
मेरी मोहब्बत का उसने कुछ इस प्रकार दाम दिया,
मेरी मोहब्बत का उसने कुछ इस प्रकार दाम दिया,
Vishal babu (vishu)
टुकड़े हुए दिल की तिज़ारत में मुनाफे का सौदा,
टुकड़े हुए दिल की तिज़ारत में मुनाफे का सौदा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अकेले
अकेले
Dr.Pratibha Prakash
3266.*पूर्णिका*
3266.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शक
शक
Paras Nath Jha
#विषय --रक्षा बंधन
#विषय --रक्षा बंधन
rekha mohan
कौन किसी को बेवजह ,
कौन किसी को बेवजह ,
sushil sarna
मेरा हाथ
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
आपकी सोच जैसी होगी
आपकी सोच जैसी होगी
Dr fauzia Naseem shad
प्रतिशोध
प्रतिशोध
Shyam Sundar Subramanian
अहसास तेरे होने का
अहसास तेरे होने का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जन्म मृत्यु का विश्व में, प्रश्न सदा से यक्ष ।
जन्म मृत्यु का विश्व में, प्रश्न सदा से यक्ष ।
Arvind trivedi
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
Buddha Prakash
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
Ansh Srivastava
"रेल चलय छुक-छुक"
Dr. Kishan tandon kranti
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
Ravi Prakash
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
गिरगिट को भी अब मात
गिरगिट को भी अब मात
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...