* पुरुषत्व का महत्व *
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त
* पुरुषत्व का महत्व *
यदि नर हो तो
नारी का सम्मान करो
प्रत्यक्ष न सही
मन से उसे प्रणाम करो
लोलुप नजरों से
मत देखो देह यष्टि को
सृष्टि कर्ता के
अप्रतिम सौन्दर्य कृति को
मन आत्म सजग
हो ऐसा अभिमान करो
यदि नर हो तो
नारी का सम्मान करो
वह स्वयं समर्पित होती है
मित्र सा व्यवहार करो
भिन्न – भिन्न रूपों की उसके
आदत डालो , स्वीकार करो
आल्हादित हो , आनंदित हो
प्रकृति को वर्णों को अंगीगार करो
यदि नर हो तो
नारी का सम्मान करो
तुम देव बनो ,
व्यक्तित्व और कृतित्व से
उसको देवी बन जाने दो
सहकर्मी है , सखी है , वो
भगिनी, भार्या और पुत्री है
सृष्टि की आधी आबादी
वो नारी , नारी शक्ति है
तुम पुरुष अरे हो कैसे ,
अपने पुरुषत्व की लाज रखो
यदि नर हो तो
नारी का सम्मान करो