Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2023 · 1 min read

” पुराने साल की बिदाई “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
=================
पुराने साल तुम जाओ, नये सालों को आने दो !
सुनहरे पल जो बीते थे, उसे इतिहास बनने दो !!

कोई रहता नहीं सबदिन ,सबों को जाना पड़ता है !
बिखर कर गिरते हैं पत्ते, तभी मौसम बदलता है !!

बहुत कुछ था तुम्हें करना, नहीं तुम कुछ ही कर पाए !
गरीबी बन गयी “सुरसा” , उसे तुम रोक ना पाए !!

करेंगे याद तुमको हम ,मंहगी चीज मिलती थी !
नहीं तुम कर सके काबू, जनता इसमें पीसती थी !!

इसी के दौर में तुमने, बहुत की नौकरी खायी !
नहीं तुम दे सके राहत, बहुत कम नौकरी पायी !!

चलो जो कुछ हुआ उसको ,उसे इतिहास ही कह लें !
नये इस साल में हम तो, नया कुछ काम ही कर लें !!

जो गलती की थी हम सबने ,उसे हम फिर ना लायेंगे !
नये भारत की रचना कर , नयी दुनियाँ बसायेंगे !!

पुराने साल तुम जाओ नये सालों को आने दो !
सुनहरे पल जो बीते थे उसे इतिहास बनने दो !!
============
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत
29.12.2023

Language: Hindi
193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे पास नींद का फूल🌺,
मेरे पास नींद का फूल🌺,
Jitendra kumar
"सांप-संपोलों से
*प्रणय*
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
देश चलता नहीं,
देश चलता नहीं,
नेताम आर सी
आ गए चुनाव
आ गए चुनाव
Sandeep Pande
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ललकार भारद्वाज
3474🌷 *पूर्णिका* 🌷
3474🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
आँख मिचौली जिंदगी,
आँख मिचौली जिंदगी,
sushil sarna
संकट मोचन हनुमान जी
संकट मोचन हनुमान जी
Neeraj Agarwal
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
** सीने पर गहरे घाव हैँ **
** सीने पर गहरे घाव हैँ **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन भर बोझ हो मन पर
मन भर बोझ हो मन पर
Atul "Krishn"
इन चरागों को अपनी आंखों में कुछ इस तरह महफूज़ रखना,
इन चरागों को अपनी आंखों में कुछ इस तरह महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
Rj Anand Prajapati
DR Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
पंकज परिंदा
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
आर.एस. 'प्रीतम'
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
Dr.sima
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*मकान (बाल कविता)*
*मकान (बाल कविता)*
Ravi Prakash
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेचारे नेता
बेचारे नेता
गुमनाम 'बाबा'
मुश्किलें
मुश्किलें
Sonam Puneet Dubey
वो सबके साथ आ रही थी
वो सबके साथ आ रही थी
Keshav kishor Kumar
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन, तब सुख के म
नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन, तब सुख के म
पूर्वार्थ
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
shabina. Naaz
Loading...