“पुराने दिन”
उन पुराने दिनों में ज़िन्दगी बेफिक्र थी,
दोस्तों का साथ था, यारों की महफ़िल थी,
चेहरे पे झूठी नहीं सच्ची मुस्कुराहट थी,
क्यूंकि झूठी मुस्कुराहट लिए घूमें ऐसी कोई वजह भी ना थी,
फ़िर वही मुस्कुराहट इन तस्वीरों में हमेशा के लिए कैद हो गई, और ज़िन्दगी भर की यादें बन गई।
“लोहित टम्टा