पुरानी बात
नई बात तब होगी…
जब कुछ नई होगी…
सुबह-शाम,
दिन-रात,
सोना-जगना
खाना-कमाना,
हारना-जीतना,
यश-अपयश,
पाना-खोना,
मिलना-बिछुड़ना,
रूठना-मनाना,
रोना-धोना,
अमीर-गरीब,
जड़ा-जन्म,
सुख-दुःख,
जीवन-मृत्यु,
फिर यही दोहराना,
सब पुरानी बात,
सदियों से होती आयी,
सदियों तक होती रहेंगी,
नई बात तब होगी…
जब कुछ इतर होगी…
…