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13 Dec 2019 · 1 min read

पुरानी किताब के बीच गुलाब क्या दिखा

मेरे जवान दोस्त की य़ादो के झरोखों में , मेरे बिते हुये दिनो कि य़ादें …..रतनदीप सक्सेना
????

पुरानी किताब के पन्नों के बीच गुलाब क्या दिखा . ?……
?अब कुछ मेरी….. ?

दिल गुलकंद हो गया !!
और महोल बागबां हो गया ?

दिल की धड़कन तेज हो गई
साँसं में ठनढ़क आ गई
सांस लेता हूँ , तो सिरहन होती. है
निकालता. हूँ , तो कुल्फी ज़म जाती. है |☺

पुरानी किताब ……..

गुज़रे हैं. हम भी , इसी राह से
कभी हमने भी कुछ, कि थी गुजारिश
दिन डलते गये , सांसे फुलती रही
कुल्फी ज़मती. रही , गुलशन सुखते रहे पर य़ादें , किसी को , किसी की
याद में देख , य़ादे ताजी. हो जाती. है

पुरानी किताब …….??

??????????

261 Views
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