पुण्य स्मरण
धन्य हुई यह भारत -भूमि ,
जिसमें दो रत्नो ने लिया जन्म।
एक गांधी जी और दूसरे शास्त्री जी ,
जिनको हमारा शत-शत नमन।
सादा जीवन उच्च विचार।
मीठी वाणी व् शुद्ध आचार।
प्रेम ,करुणा ,दया , विनम्रता के ,
पुष्पों से सजाया यह चमन।
उनके आदर्श ,उनकी शिक्षायें ।
मूल्यवान है उनकी दीक्षायें ।
गर अपनाएं जीवन में अपने ,
जो धन्य हो जाये हमारा जीवन।
देकर लहू अपना उन्होंने।
अपना सर्वस्व भी उन्होंने।
भारत -भूमि को सिंचित करके ,
त्याग/बलिदान का दिया उदहारण।
विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरोंसे
भारत-वासियों के ह्रदय -पटल पे ,
लिखा रहेगा युगों-युगों तक उनका नाम ,
जब-तक है यह नील -गगन।