पुकार
मालिनी छंद
मापनी 1 1 1 1 1 1 S S S 1 S S 1 S S
युग सम लगती है, रैन बीती न जावे।
सुलग पवन जैसे , देह अंगार लावे।।
सजल नयन गोरी, भीगते कोर नैना।
क्षण क्षण कर जोरी, मांगती शांत रैना।।
मचल मचल जावे, प्रीत लौलुप्त
बाती।
प्रियतम परदेसी ,रैन मुझे न भाती।।
पल-पल तरसे हैं, सांवले नैन तारे।
मुख दर्शन दिखाओ भाग जागे हमारे।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)