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2 Dec 2021 · 1 min read

पुकार

मालिनी छंद

मापनी‌ 1 1 1 1 1 1 S S S 1 S S 1 S S

युग सम लगती है, रैन बीती न जावे।
सुलग पवन जैसे , देह अंगार लावे।।

सजल नयन गोरी, भीगते कोर नैना।
क्षण क्षण कर जोरी, मांगती शांत रैना।।
मचल मचल जावे, प्रीत लौलुप्त
बाती।
प्रियतम परदेसी ,रैन मुझे न भाती।।
पल-पल तरसे हैं, सांवले नैन तारे।
मुख दर्शन दिखाओ भाग जागे हमारे।।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

Language: Hindi
541 Views
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