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17 Jun 2024 · 1 min read

पीर- तराजू के पलड़े में, जीवन रखना होता है ।

पीर- तराजू के पलड़े में, जीवन रखना होता है ।
ध्यान लगाकर मन-कानन में, हर पल तपना होता है ।
सहज नहीं मिल जाते माधव,चंद्र-वदन घन-केशी को –
रोम – रोम से राधा होकर, मोहन जपना होता है ।

अशोक दीप

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