पीना हो तो पी, आंखों से शराब
इश्क की, बातें, वो क्या जाने ज़नाब
जिसे पसंद हो, जिन्दे जिस्म का क़बाब
चुभता रहा हो जो, खुद में, शूल की तरह
वो, क्या जाने भला, लाल सफ़ेद गुलाब ?
क्यों टकराते हो, ज़ाम मयख़ानों में
पीना हो तो पी आँखों से शराब
फूल है वो, किसी आँगन की खुशबू
होंगे तेरे भी, कहो मत शबाब
सवाल पर सवाल, कोई, करे भी तो क्या ?
राहुल, जो मन चाहे वो ही दे जवाब