पीड़ा
पीड़ा
मोहब्बत
दिल को द्रवित
करने वाली
पीड़ा होती है
जिसे न तो
ढंग से कहा जाता
और न ही
ढंग से सुन जाता
मात्र दफन किया जाता है
दिल के तहखाने में
-विनोद सिल्ला
पीड़ा
मोहब्बत
दिल को द्रवित
करने वाली
पीड़ा होती है
जिसे न तो
ढंग से कहा जाता
और न ही
ढंग से सुन जाता
मात्र दफन किया जाता है
दिल के तहखाने में
-विनोद सिल्ला