“पिरामिड”
“पिरामिड”
ये
मकाँ
जर्जर
जीर्ण शीर्ण
अति संकीर्ण
भुतहा महल
झपटती बिल्लियाँ।।-1
जी
जान
ईमान
इम्तहान
सहारा होगा
आँख तारा होगा
पल गुजारा होगा।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
“पिरामिड”
ये
मकाँ
जर्जर
जीर्ण शीर्ण
अति संकीर्ण
भुतहा महल
झपटती बिल्लियाँ।।-1
जी
जान
ईमान
इम्तहान
सहारा होगा
आँख तारा होगा
पल गुजारा होगा।।-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी