पिरामिड कविता-राम राम करो (राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’)
पिरामिड कविता-राम राम करो
ऐ
जौ का
हो रऔ
जनी मांस
इंसानियत
काय हो खौ रय
ईसुर सैं तो डरो,
उनै का जबाब दैहौ
कछु धरम तुम करौ
बुढ़ापे में तो शरम करौ
बांद कै पुटइयां नइं धरौ
तुमै जा माया किते खां लय जानै
अब अपन तनक आराम करौ
घरइ परै परै ही राम राम करौ।।
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कवि- राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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