पिरामिड कविता- प्रेम में धोखा
पिरामिड कविता–प्रेम में धोखा
वो
प्रेम
नहीं है।
अश्लीलता
तुम मानिए।
जहां समर्पण
विश्वास नहीं होता।
वहां धोखा ही मिलता
वो भंवर जाल में खाता गोता।।
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कवि- राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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