पिया के हाथ की चाय (लघु कविता)
# कविता #
पिया के हाथ की चाय
सुबह हो गई हाय
मोहे मन भाय
गरम-गरम एक प्याली
पिया के हाथ की चाय
इस चाय में है वो जादू
जो मन को करे काबू
एक ही चुस्की में है दम
भूल जाएंगे सारे गम
# कविता #
पिया के हाथ की चाय
सुबह हो गई हाय
मोहे मन भाय
गरम-गरम एक प्याली
पिया के हाथ की चाय
इस चाय में है वो जादू
जो मन को करे काबू
एक ही चुस्की में है दम
भूल जाएंगे सारे गम