पितृ दिवस
पितृ दिवस
मां मान है तो पिता एक सम्मान है।
मां वर है तो पिता एक वरदान है।।
मां मोम है तो पिता एक चट्टान है।
मां हवा है तो पिता एक तूफान है।।
पिता है तो हमारी जग में पहचान है।
पिता नही है तो हम सब परेशान हैं।।
पिता है तो हम सब बड़े पहलवान है।
पिता नही है तो हम सब बे जान है।।
पिता है तो हम आसमान को छू सकते है।
पिता नही है तो जमीन पर गिर सकते है।।
पिता है तो ये सारा संसार हमारा है।
पिता नही है तो हम सब बेसहारा हैं।।
पिता है तो हमारा परिवार चलता है।
पिता नही है तो ये संसार खलता है।।
पिता है तो घर का चूल्हा जलता है।
पिता नही है तो ये चूल्हा बुझता है।।
पिता है तो हम सबसे बड़े खिलाड़ी है।
पिता नही है तो हम सबसे बड़े अनाड़ी है।।
पिता है तो हम सबसे बड़े धनवान है।
पिता नही है तो सबसे बड़े कर्जवान है।।
पिता है तो हमारे पास मूल्यवान उपहार है।
पिता नही है तो हम सब अनुपहार है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम