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16 Jun 2022 · 1 min read

“पिता”

मन की कोख में
बड़ा करते हैं
बच्चों को
मरते दम तक
पर प्रसव वेदना को
छुपा लेते हैं पिता
करके असीमित प्रेम
परिवार से
अल्प संसाधनों में
गुजारा करते हैं पिता
पूरा श्रेय देकर मां को
मन ही मन
मुस्कुराते हैं पिता
न्योछावर कर देते हैं
सब कुछ बच्चों पर
और अंत में अकेले
पड़ जाते हैं पिता
जब बच्चे करते हैं
अपने बच्चों की
परवरिश
तो कहते हैं
कितने अच्छे थे
हमारे पिता
=========
डॉ. रीतेश कुमार खरे ‘सत्य’
बरुआसागर झांसी

5 Likes · 2 Comments · 570 Views
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