पिता
“सबसे अनमोल तोफा पिता”
कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है,
पिता बच्चों का भगवान और आसमान है|
कभी हंसी तो कभी अनुशासन है,
कभी मौन तो कभी भाषण है पिता|
पिता है तो संसार है, पिता से ही मां
की चुडी, बिंदी, सुहाग है|
जीवन के हर मोड़ पर नाम है पिता का,
बच्चों के हर सपनों को पूरा करना काम है पिता का|
बच्चों की हर छोटी खुशी के लिए ,
सब कुछ सह जाते वो है पिता|
पूरी करते हैं मेरी हर छोटी ईच्छा,
उनके जैसा नही कोई अच्छा|
पिता एक उम्मीद है, एक आस है,
परिवार की हिम्मत और विश्वास है|
बाहर से सख्त अंदर से नर्म है,
उनके दिल में दफन कई मर्म है|
पिता संघर्ष की आंधीयों में हौसलो की दिवार है,
परेशानीयों से लड़ने को दो धारी तलवार है |
कहने को तो सब ऊपर वाला देता है,
पिता है जो हमारे सारे दुख ले लेता है |
धन्यवाद🙏
लेखक – मीनाक्षी नागर
गाँव- अच्छेजा