… पिता
बच्चों के खातिर जिसने,
तन, मन, धन सब वार दिया।
जीवन भर संघर्ष कर,
हर सुख का त्याग किया ।
वो हैं सबसे प्यारा…. पिता ।।
उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
हर मुश्किल से लड़ना सिखाया ।
स्वाभिमान का पाठ पढ़ाया ,
जग से जिसने परिचय कराया ।
वो हैं सबसे प्यारा…. पिता ।।
निकल पड़ते हैं अपनों के लिए ,
नित प्रति दिन नई चाह लिए ।
अपनें बच्चों के खातिर,
मन में नई आश लिए ।
वो हैं सबसे प्यारा …. पिता।।
जीवन भर करूं मैं पूजा,
नहीं कोई अब मन में दूजा।
ईश्वर का साकार रूप है वो,
जीवन का मन मीत है वो ।
वो हैं सबसे प्यारा…. पिता।।
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स्वरचित..
चंद्र प्रकाश पटेल
ओखर (मस्तुरी)
जिला-बिलासपुर(छ.ग.)।