पिता
पिता
पिता की याद
जीवन भर आती
नमन तुम्हें ।
जब थे आप
नहीं था सिर भार
आप सम्हाले।
आप की सीख
समझ अब पाया
जीवन सार।
पिता दायित्व
बरगद सी छाया
सुखी संतान ।
आप का प्यार
साहस का भवन
योग्य बनाया ।
पहचान दी
आपका आशीर्वाद
है स्वाभिमान ।
पिता
पिता की याद
जीवन भर आती
नमन तुम्हें ।
जब थे आप
नहीं था सिर भार
आप सम्हाले।
आप की सीख
समझ अब पाया
जीवन सार।
पिता दायित्व
बरगद सी छाया
सुखी संतान ।
आप का प्यार
साहस का भवन
योग्य बनाया ।
पहचान दी
आपका आशीर्वाद
है स्वाभिमान ।