Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2021 · 1 min read

पिता या पिशाच

यह कैसा पिता है ,
जो अपने ही उपवन की कली पर ,
कुदृष्टि डालता है ?
ये पिता नहीं पिशाच है ,
जो अपनी ही संतान पुत्री को ,
खा जाता है ।
यह कैसा घोर कलयुग है ?
जहां एक परम विश्वसनीय संबंध भी ,
कलंकित हो गया।
ना जाने यह समाज को क्या हो गया?
हमारा हृदय विदीर्ण हो जाता है ,
प्रतिदिन समाचार पत्रों में यह समाचार पढ़कर ,
एक पिता ने अपनी पुत्री का ,
मान भंग किया ।
अपने ही खून पर ऐसा घिनौना कृत्य कोई ,
कैसे कर सकता है ?
वास्तव में यह मनुष्य नहीं मनुष्यता के नाम पर ,
एक पिता के नाम पर कलंक है ।
ऐसे दरिंदे को मनुष्य कहलाने का हक नहीं ।
यह तो धरती पर भारी बोझ है ।
ऐसे दानव को तत्क्षण मृत्यु दण्ड ही सर्वथा उचित दंड है ।

Language: Hindi
2 Likes · 402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
"मौत से क्या डरना "
Yogendra Chaturwedi
क्या ऐसी स्त्री से…
क्या ऐसी स्त्री से…
Rekha Drolia
दुनियाभर में घट रही,
दुनियाभर में घट रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
💐प्रेम कौतुक-526💐
💐प्रेम कौतुक-526💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूँ ही नही लुभाता,
यूँ ही नही लुभाता,
हिमांशु Kulshrestha
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
यकीन नहीं होता
यकीन नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
* बताएं किस तरह तुमको *
* बताएं किस तरह तुमको *
surenderpal vaidya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
सेर (शृंगार)
सेर (शृंगार)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
जान लो पहचान लो
जान लो पहचान लो
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बारिश के गुण गाओ जी (बाल कविता)
बारिश के गुण गाओ जी (बाल कविता)
Ravi Prakash
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
पूर्वार्थ
भगवान की तलाश में इंसान
भगवान की तलाश में इंसान
Ram Krishan Rastogi
नजरे मिली धड़कता दिल
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
Sukoon
कविता
कविता
Shyam Pandey
आ जाओ घर साजना
आ जाओ घर साजना
लक्ष्मी सिंह
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
Loading...