पिता मेरी प्रेरणा
पिता मेरी प्रेरणा
———————
बचपन से देखा था मैनें,
उनको नियम से चलना
करते थे मेहनत बहुत,
हम बच्चों के लिए!
आसमां जमीं एक करते थे,
हम सबके लिए?
देते सभी सुख साधन वो ,
जो हम सबको चाहिए,
मेरे पापा बहुत संघर्षं करते।
हम सभी के लिए—
बन गए वो मेरी प्रेरणा,
मैने देखा है भगवान
पापा के रूप में!!!
मेरे पापा आदर्श है मेरे,
और मेरा गुरूर हैं,
मेरे पापा तुझमें ही पूरा,
संसार नजर आता है।।
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर उ०प्र०