पिता जी के जन्मदिवस पर
पिता जी के जन्मदिवस पर
जन्मदिवस मुबारक पिता जी
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पिता सा जीवन मे कोई सहारा नही
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पिता सा जीवन में कोई सहारा नहीं,
उनके जैसा कोई जग में हमारा नहीं।
बिन बोले गम ए दर्द को सह जाते हैं,
तन्हाई में किसी को भी पुकारा नहीं।
झड़ें हैँ सिर के बाल बोझ ढोते-ढोते,
ढलती उम्र मे भी कहना गवारा नहीं।
खुद की ख्वाईिशों को किया अर्पण,
जीवन दर्पण मे खुद को संवारा नहीं।
पिता पर पुत्र होता आया सदा भारी,
पुत्र जैसा जगत में कोई प्यारा नहीं।
जीवनसंगिनी चाहे हो नीले गगन में,
पल भर भी उन बिन है गुजारा नही।
तोड़ लाऊं मै अंबर से तारे जमीं पर,
झोली भर दूँ पिता की नकारा नहीं।
पिता के साये कटे सारी जिंदगानी,
खुशनुमा कोई भी ऐसा नजारा नहीं।
हो जाएं औझल नजर से कहीं पर,
मात-पिता कभी मिलते दुबारा नहीं।
छाई उदासी है बिन माँ मुख तुम्हारे,
नभ मे देखो कहीं वो सितारा नहीं।
जन्म दिन पर्व की हों ढेरों बधाइयां,
जुग जुग जिओ सानी तुम्हारा नहीं।
तन-मन मे बसते पिताजी मनसीरत,
आप जैसा कोई हमारा दुलारा नही।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)