Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2020 · 1 min read

पिता के नाम पत्र

परम पूज्य पिता श्री
सादर चरणस्पर्श
मैं कुशल हूँ , आप सकुशल, स्वस्थ व सानंद रहे इस बात के लिए नित्य प्रतिदिन बाबा विश्वनाथ जी के चरणों में नत्मस्तक हो करबद्ध प्रार्थना करता हूँ।

पापा आप से, समस्त परिजनों एवं गाँव से दूर रहते तकरीबन बीस बाईस वर्ष ब्यतीत हो चूके हैं। घर- परिवार के लिए ही मैं घर – परिवार से दूर इस व्यवसाय परक नगरी में रहने को उद्दत हुआ था, परन्तु तब मुझे यह नहीं लगा था कि यह दूरी हमें आप सबों के हृदय से भी दूर कर देगी। परिवारिक आवश्यकता के अनुसार हमने अपने कर्तव्य का निर्वहन करने का समयानुसार यथासंभव प्रयास किया एवं अब भी कर रहा हूँ, और आगे भी करता रहूंगा।

जो सामर्थ्य है उसके अनुसार मैं कभी भी अपने फर्ज से विमुख नही हुआ, फिर ऐसा क्या हो गया जो अपने ही पुत्र के प्रति आपका स्नेह कम होता चला गया।

पापा मैं आपसे कोई भी प्रश्न पुछ सकूँ खुद को इस लायक नहीं समझता, परन्तु आपसे स्नेहाशीष प्रात होता रहे यह अभिलाषा मन में सदैव पले रहता हूँ।

विशेष क्या लिखूं समझ नहीं पा रहा।
आज भी
आपका आज्ञाकारी पुत्र
पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 535 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जीवन से ओझल हुए,
जीवन से ओझल हुए,
sushil sarna
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
बदलाव
बदलाव
Dr. Rajeev Jain
लक्ष्य
लक्ष्य
Mukta Rashmi
महिला दिवस विशेष दोहे
महिला दिवस विशेष दोहे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
" न्यारा पूनिया परिवार "
Dr Meenu Poonia
नहीं जाती तेरी याद
नहीं जाती तेरी याद
gurudeenverma198
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
Raazzz Kumar (Reyansh)
गलत चुनाव से
गलत चुनाव से
Dr Manju Saini
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
Ashwini sharma
याद दिल में जब जब तेरी आईं
याद दिल में जब जब तेरी आईं
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
सूखता पारिजात
सूखता पारिजात
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Anamika Tiwari 'annpurna '
2955.*पूर्णिका*
2955.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
पुरुष प्रधान समाज को गालियां देते हैं
पुरुष प्रधान समाज को गालियां देते हैं
Sonam Puneet Dubey
Loading...