Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2022 · 1 min read

पिता की याद

“एक छोटी सी बच्ची जो अपने पापा को नहीं मिल पाती अपनी माँ को शिकायत करती है ”

माँ तुम मुझे सुबह जल्दी उठाती क्यों नहीं
लेट हो गई हो कहकर नहलाती क्यों नहीं ,

माँ मेरा लंच बाक्स लगाती क्यों नहीं
कुछ अच्छा पकाती क्यों नहीं,

माँ मुझे किताबें दिलाती क्यों नहीं
मेरा स्कूल बैग लगाती क्यों नहीं,

माँ हमारे घर के सामने वैन हान्न बजाती क्यों नहीं
मुझे ए, बी, सी, डी पढाती क्यों नहीं,

माँ मुझे सुंदर कपड़े अच्छे खिलौने दिलाती क्यों नहीं
मुझे क्या बनना है माँ मुझे बताती क्यों नहीं,

माँ – “काश तेरे पापा होते”

इतनी लाचार मै होती नहीं दूसरो के घरों में मै
चुला, चौका, झाड़ू, पोछा मै करती नहीं,

जब वो साथ थे सभी सगे संबंधि थे
आज सभी छोड़ कर चले गए,

अब किसी को हमारी याद नहीं आती
अकेले मै ये सब नहीं कर पाती,

काश तेरे पापा होते तो मै यू बुढीया सी न लगती
मै भी चुडी ,बिंदी, और गहने खरीद पाती,

काश तेरे पापा होते
तेरे सारे सपने सच कर देते |

32 Likes · 51 Comments · 585 Views

You may also like these posts

पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
Ajit Kumar "Karn"
2933.*पूर्णिका*
2933.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
Harminder Kaur
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
मिथिला के अमृत स्वर
मिथिला के अमृत स्वर
श्रीहर्ष आचार्य
अरमान गिर पड़े थे राहों में
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उम्र
उम्र
seema sharma
प्याला।
प्याला।
Kumar Kalhans
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
धैर्य के बिना कभी शौर्य नही होता है।
Rj Anand Prajapati
अंदाज़
अंदाज़
Ragini Kumari
ज्ञानों का महा संगम
ज्ञानों का महा संगम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*मौत मिलने को पड़ी है*
*मौत मिलने को पड़ी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फिर क्यूँ मुझे?
फिर क्यूँ मुझे?
Pratibha Pandey
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
इसरो के हर दक्ष का,
इसरो के हर दक्ष का,
Rashmi Sanjay
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
आवो पधारो घर मेरे गणपति
आवो पधारो घर मेरे गणपति
gurudeenverma198
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
DrLakshman Jha Parimal
सुखी जीवन बनाने के लिए बहुत कम की आवश्यकता होती है; यह सब आप
सुखी जीवन बनाने के लिए बहुत कम की आवश्यकता होती है; यह सब आप
ललकार भारद्वाज
सखी या आँसू छंद
सखी या आँसू छंद
guru saxena
कवि और कलम
कवि और कलम
Meenakshi Bhatnagar
*दौलत (दोहा)*
*दौलत (दोहा)*
Rambali Mishra
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
"उल्फत"
Dr. Kishan tandon kranti
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
यही सत्य है
यही सत्य है
Rajesh Kumar Kaurav
जीवन में संघर्ष
जीवन में संघर्ष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
Loading...