Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2022 · 1 min read

पिता का दर्द

एक बात बताओ ऐ खुदा
पूछ रहा है एक पिता
ये कैसा युग आया हैं
जो एक कुआं सबको पिलाता था
आज ओ दो मिठीं बोल के लिए तरस जाता है

धर्म वहीं हैं,कर्म वहीं हैं
तू भी वहीं हैं , इंसान भी वहीं हैं
फिर ये कैसा शिष्टाचार संतानों में आया है
कि जो कभी जन्मों-जन्मों के साथी थें, आज उनके अंश ही बागवान चलचित्र घर मे दोहराया है

जिसने सींची ज़मीं, जिसने डालीं बीज
जिसने ईंट बनाईं, जिसने डालीं नींव
उसी का दुनिया अब उसी का नहीं
फिर ये कैसा मोह-माया हैं
एक छत के नीचे रहकर पिता को बेटा भूलाया हैं

इस युग का बेटा, बांट रहा हैं आधी उम्र , महीनों में
हर एक रूपए का खर्च पिता का रखता हैं हिसाबों में
आखिर ये कैसा लहर घर-घर छाया हैं
आज कल पिता पे परिभाषा ‘कलयुग का बेटा’ इंटरनेट पे सब को हंस-हंसकर सुनाता है।।
नीतू साह
हुसेना बंगरा,सीवान-बिहार

6 Likes · 9 Comments · 452 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सपने थे आंखो में कई।
सपने थे आंखो में कई।
Rj Anand Prajapati
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मित्रो नमस्कार!
मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दोस्त न बन सकी
दोस्त न बन सकी
Satish Srijan
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
आयी ऋतु बसंत की
आयी ऋतु बसंत की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Compassionate companion care services in Pikesville by Respo
Compassionate companion care services in Pikesville by Respo
homecarepikesville
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
रुपेश कुमार
ठीक है
ठीक है
Neeraj Agarwal
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
अरशद रसूल बदायूंनी
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
समय
समय
Dr.Priya Soni Khare
हृदय तूलिका
हृदय तूलिका
Kumud Srivastava
“दूल्हे की परीक्षा – मिथिला दर्शन” (संस्मरण -1974)
“दूल्हे की परीक्षा – मिथिला दर्शन” (संस्मरण -1974)
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
बहुत कुछ सीखना ,
बहुत कुछ सीखना ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती  और जब होती है तब
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती और जब होती है तब
पूर्वार्थ
अपने देश की अलग एक पहचान है,
अपने देश की अलग एक पहचान है,
Suraj kushwaha
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
Basant Bhagawan Roy
रंजिश हीं अब दिल में रखिए
रंजिश हीं अब दिल में रखिए
Shweta Soni
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
Dheeru bhai berang
प्रीत प्रेम की
प्रीत प्रेम की
Monika Yadav (Rachina)
सावन
सावन
Bodhisatva kastooriya
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...