पिताजी
—— पिताजी ——
सदा बात सच्ची बताते पिताजी।
सही राह हमको चलाते पिताजी।।
अगर रूठ जायें किसी बात पर हम।
गले से लगाकर मनाते पिताजी।।
हमें हर खुशी मिल सके इस लिए तो
पसीना बहुत हैं बहाते पिताजी।।
हमारी सभी गलतियों को समझते ।
पकड़ हाथ हमको सिखाते पिताजी।।
बुरी आदतों से हमेशा बचाते।
बुरी संगतों से छुड़ाते पिताजी।।
बहुत कीमती है समय ज़िन्दगी का।
सुबह शीघ्र हमको जगाते पिताजी।।
असम्भव नहीं कुछ यहाँ प्राप्त करना।
हमें श्रम की महिमा सुनाते पिताजी।।
हमें मुश्किलें झेल कर पालते हैं।
गमों को छिपा मुस्कुराते पिताजी।।
सजाते सभी स्वप्न हँसकर हमारे।
सभी दर्द दुख हैं उठाते पिताजी।।
—— विनोद शर्मा “साग़र ”
गुरुदेवनगर हरगाँव
जनपद- सीतापुर
उ प्र
सम्पर्क सूत्र — 9415572588
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●रचनाकार का घोषणा पत्र●
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—– विनोद शर्मा “साग़र”
गुरुदेवनगर हरगाँव
जनपद सीतापुर
उ प्र