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20 Apr 2022 · 1 min read

*!* “पिता” के चरणों को नमन *!*

पिता का प्यार विशाल आसमां, गहराई सागर जैसी
पिता सुखों की है छत्रछाया, बिना पिता जिंदगी कैसी
पिता का प्यार……..
1) न भय, न दुख ,न चिंता, पिता कहानी जीवन की
पिता ही जीवन के आधार, रक्षा करते तन मन की
परिवार स्तंभ पिता है, पिता बिन दिनचर्या कैसी
पिता का प्यार……..
2) निर्भय करती पिता कस्टडी, देती फ्यूचर को वरदान
एक पिता के ही सानिध्य में, फलती – फूलती है संतान
परिवार बागडोर पिता हैं, बिन पिता खुशहाली कैसी
पिता का प्यार………
3) पिता प्यार का बहता झरना, पिता नदी की शीतलता
पिता का सर पहाड़ों से ऊंचा, पिता से घर की प्रबलता
पिता के कंधे सैर हवाई, पिता बिना क्षमता कैसी
पिता का प्यार……..
4) पिता से जग अपना सा लागे, पिता बिना जग बेगाना
पिता से चहल-पहल बच्चों की, पिता बिना घर होवेना
पिता आत्मा है घर – घर की, बिन माली बगिया कैसी
पिता का प्यार…….
लेखक :- खैमसिहं सैनी
भरतपुर ( राजस्थान )
मो.न. :- 9266034599

12 Likes · 17 Comments · 1936 Views

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