पिताजी का आशीर्वाद है।
जहां जहां श्रध्दा है,
वहीं आशीर्वाद है।
आज हम जो भी हैं,
पिताजी का आशीर्वाद है।
उन्नति ,सुख-दुःख बैभव,
आस और उत्साह है।
हो रहा है सब मंगल,
पिताजी का आशीर्वाद है।
वे हैं हमारे रक्षक,
अद्भुत शक्ति रूप हैं।
परमात्मा स्वरूप वो,
हम सभी के भूप हैं।
हे प्रभु जन्मदाता ,
बारम्बार धन्यवाद है।
आज हम जो भी हैं,
पिता जी का आशीर्वाद है।
आज इस ‘दीप’ का,
जितना भी प्रकाश है।
लेखनी जो लिख रही,
पिताजी का आशीर्वाद है।
-जारी
-©कुल’दीप’ मिश्रा