Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2022 · 1 min read

पिआस

“पिआस”
कायिक सागर मांझ
चुभकल भ’जायत अहाँके
बरु..
से उमेद कम्मे

जानि सकब
की होइत छैक
सिनेह सुधा-रस
व्यर्थ थिक ई बात

नोनछड़ैन पानि
की मेटा सकलैक अछि पिआस
अहुं ताले करैत छी..
ता
गोटी लाले करै छी
सरिपहुं जं
अहाँ बुझने रहितियैक उचित-विहित
ई तिक्ख…
बिख नै होइत जिनगीक निमित्त

सतयुग सं कलियुग धरि ठाढ़े
निहारैत रहलहुं हम बाट..
हम एहि घाट
मुदा…
अहाँ बुते नै लागल पार
कैल मंझधार
कायिक सागर सं
अवधेश।।

Language: Maithili
1 Like · 368 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

गीतिका .....
गीतिका .....
sushil sarna
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता "अयन"
Mahesh Tiwari 'Ayan'
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
"दादाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
रक्तदान जिम्मेदारी
रक्तदान जिम्मेदारी
Sudhir srivastava
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कनक मंजरी छंद
कनक मंजरी छंद
Rambali Mishra
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
सत्य कुमार प्रेमी
‘तेवरी’ अपना काव्यशास्त्र स्वयं रच रही है +डॉ. कृष्णावतार ‘करुण’
‘तेवरी’ अपना काव्यशास्त्र स्वयं रच रही है +डॉ. कृष्णावतार ‘करुण’
कवि रमेशराज
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
वक़्त की फ़ितरत को महफूज़ करें कैसे,
वक़्त की फ़ितरत को महफूज़ करें कैसे,
Dr fauzia Naseem shad
भीड़ में रहते है मगर
भीड़ में रहते है मगर
Chitra Bisht
वाल्मिकी का अन्याय
वाल्मिकी का अन्याय
Manju Singh
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
सागर का क्षितिज
सागर का क्षितिज
आशा शैली
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
कौड़ी कौड़ी माया जोड़े, रटले राम का नाम।
कौड़ी कौड़ी माया जोड़े, रटले राम का नाम।
Anil chobisa
"लागैं बसंत के प्रीति पिया"
राकेश चौरसिया
दिल का हाल
दिल का हाल
Ram Krishan Rastogi
हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ बस, एक ही अनुरोध...
■ बस, एक ही अनुरोध...
*प्रणय*
मिसाल
मिसाल
Poonam Sharma
- अपनो का स्वार्थीपन -
- अपनो का स्वार्थीपन -
bharat gehlot
हिन्दी पहचान
हिन्दी पहचान
Seema gupta,Alwar
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
Basant Bhagawan Roy
Loading...