पिंजरा तोड़
यहां पिंजरे में तो
हर एक परिंदा है!
जो उसे तोड़ सके
वही बस ज़िंदा है!!
तू कहां पैदा हुआ
इसमें तेरी क्या खता!
भला इसको लेकर
तू क्यों शर्मिंदा है!!
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