**पास बुलाते है**
**पास बुलाते है**
चलो आज खुद अपनी किस्मत आजमाते है,,,,
जो दूर जा रहा है उसको पास बुलाते है,,,,
दिल उसका बदल गया मेरे दिल की बात सुनकर तो,,
ये दिलोजान फिर उसके कदमो में बिछाते है,,,,
समंदर है उसकी निगाहो में ये देखा है मैने,,,,
चलो अब क्या नदी में तैरना उन्ही में डूब जाते है,,,,
पास कोई दौलत नही मेरे सिबाये जागीर इश्क के,,,,
उसी मालोदौलत पर तो हम इतना इतराते है,,,,
जमाने का तो नही भरोसा हमको ये जानिब,,,,
बस एक तेरी ही खातिर बुलाओ चले आते है,,,,
मानक लाल मनु