Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2020 · 1 min read

*”पावस ऋतु “*

“पावस ऋतु”
मेघदूत का आगमन,
सुखद लगे संसार।
कोयल कूके डाल पर ,
शीतल पवन फुहार।।
???????
पावस ऋतु की कामना,
धरा अंबर नीर।
मन मयूर नाचन लगे ,
मिटे जग की पीर।।
?️⛈️?️?️⛈️?️⛈️
बरसो मेघा झूम के,
झूमे सारा जहान।
सरिता में लहरें दिखे,
पावस ऋतु का गान।।
?️?️?️⛈️?️?️
पावस मेघ बरसते ,
झूला झूले नार।
सारी सखियां सज गई,
गाती वो मल्हार।।
?️⛈️?️?️⛈️?️
उमड़ घुमड़ गरजे मेघ,
घनघोर घटा छाए।
आसमान में लालिमा ,
मन हर्षित हो जाए।।
????????
जय श्री राम जय जय हनुमान जी

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 623 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
........,?
........,?
शेखर सिंह
■ एक विचार-
■ एक विचार-
*Author प्रणय प्रभात*
You are painter
You are painter
Vandana maurya
अपनी टोली
अपनी टोली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
खो गईं।
खो गईं।
Roshni Sharma
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
पूर्वार्थ
Love life
Love life
Buddha Prakash
संविधान से, ये देश चलता,
संविधान से, ये देश चलता,
SPK Sachin Lodhi
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
Shyam Sundar Subramanian
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
গাছের নীরবতা
গাছের নীরবতা
Otteri Selvakumar
23/91.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/91.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
The_dk_poetry
नई तरह का कारोबार है ये
नई तरह का कारोबार है ये
shabina. Naaz
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
समान आचार संहिता
समान आचार संहिता
Bodhisatva kastooriya
"अपेक्षाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
******छोटी चिड़ियाँ*******
******छोटी चिड़ियाँ*******
Dr. Vaishali Verma
⚘*अज्ञानी की कलम*⚘
⚘*अज्ञानी की कलम*⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सच्ची  मौत
सच्ची मौत
sushil sarna
बसंत हो
बसंत हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
कवि रमेशराज
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
Ravi Prakash
श्याम दिलबर बना जब से
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
बहुत अहमियत होती है लोगों की
बहुत अहमियत होती है लोगों की
शिव प्रताप लोधी
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
Loading...