पावन प्रेम …
प्रेम पाकीजा सा इस रिस्ते को सुनो बदनाम कभी मत करना,
प्रीत की जीत जैसी उलझन में खुद को गुमनाम कभी मत करना।
चंद ख्वाबो के लिए हारो न अपने अरमान को तो मारो न,
पास हो दर्द लाख इस जग में मरने का काम कभी मत करना ।।
संदीप यादव (Zo Zo)
आजमगढ़